प्रिय पाठकों! माय नियर एग्जाम डॉट इन में आपका स्वागत है। प्रतिदिन की तरह आज की इस लेख में भारतीय संसद के तीन अंग राष्ट्रपति, राज्यसभा एवं लोकसभा टॉपिक के अंतर्गत लोकसभा के कार्य एवं शक्तियां | लोकसभा के सदस्यों की संख्या |लोकसभा के सदस्यों के कार्यकाल एवं योग्यताएं | लोकसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष | लोकसभा के सदस्यों की सूची | लोकसभा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न इत्यादि विषयों पर लेख प्रस्तुत कर रहे हैं जो निम्नलिखित इस प्रकार है :-


लोकसभा :- भारतीय संविधान में लोकसभा की संरचना का वर्णन अनुच्छेद 81 में किया गया है। लोकसभा भारतीय संसद का निम्न सदन है, जिसमें जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने गए प्रतिनिधि भाग लेते हैं। लोकसभा का संचालन के लिए एक अध्यक्ष होता है। लोकसभा अपनी पहली बैठक के पश्चात अपने दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनती है [अनुच्छेद 93]


लोकसभा के सदस्यों की संख्या

मूल संविधान में लोकसभा सदस्यों की संख्या 500 निश्चित की गई है। अभी इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। इनमें से अधिकतम 530 सदस्य राज्यों के निर्वाचन क्षेत्र से व अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित किए जा सकते हैं एवं राष्ट्रपति आंग्ल भारतीय वर्ग के अधिकतम 2 सदस्यों का मनोनयन कर सकते हैं। वर्तमान में लोकसभा की सदस्य की संख्या 545 है। इन सदस्यों में 530 सदस्य 28 राज्यों से, 13 सदस्य 7 केंद्रशासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं एवं दो सदस्य आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधित्व के रूप में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं [अनुच्छेद 331]

Lok Sabha ke adhyaksh ke karya AVN shaktiyan, लोकसभा के अध्यक्ष कार्य एवं शक्तियां,

नए परिसीमन के बाद लोकसभा में अनुच्छेद 330 के अनुसार अनुसूचित जाति (84 सीट) और अनुसूचित जनजाति (47 सीट) सदस्यों के लिए स्थान आरक्षित होते हैं। इस चुनाव क्षेत्रों में उम्मीदवार अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजातियों का ही होना चाहिए जिस भी वर्ग के लिए सीट आरक्षित है, लेकिन मतदाताओं का संयुक्त निर्वाचन क्षेत्र होता है अर्थात सभी पात्र मतदाता जाति वंश तथा समुदाय के भेदभाव के बिना चुनाव में भाग लेते हैं। 


लोकसभा सदस्यों के लिए कार्यकाल एवं योग्यताएं

कार्यकाल :- लोकसभा के सदस्यों कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने से पहले भी इसे भंग कर सकता है। आपातकाल के दौरान कार्यकाल एक बार में 1 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है परंतु आपात काल समाप्त होने के बाद 6 माह से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता है।

योग्यताएं :- लोकसभा के सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए-

  • भारत का नागरिक होना चाहिए जिसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक हो;
  • भारत के किसी निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता के रूप में पंजीकृत हो;
  • यदि किसी आरक्षित चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ता है तो वह अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित है से संबंध होना चाहिए;
  • ऐसी अन्य योग्यताएं पूरी करता हो जो समय समय पर कानून द्वारा संसद में निर्धारित करें।

लोकसभा के पदाधिकारी

लोकसभा के सभापति को अध्यक्ष कहा जाता है। लोकसभा के सदस्यों में से ही अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का निर्वाचन होता है जिनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है किंतु वे समय से पूर्व भी त्यागपत्र दे सकते हैं अथवा दो तिहाई मत से पारित प्रस्ताव द्वारा उन्हें हटाया भी जा सकता है।


लोकसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष

  • लोकसभा के अध्यक्ष अपनी शपथ एक संसद सदस्य के रूप में लेता है अध्यक्ष के रूप में नहीं।
  • अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को तथा उपाध्यक्ष अध्यक्ष को संबोधित करते आग पत्र सकता है।
  • लोकसभा अध्यक्ष को 14 दिन के पूर्व सूचना देकर बहुमत द्वारा पद से हटाया जा सकता है।

लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं अधिकार

लोकसभा के अध्यक्ष को निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार प्राप्त है :-
  • सदन के सदस्यों के प्रश्नों को स्वीकार करना उन्हें नियमित व नियम के विरुद्ध घोषित करना।
  • किसी विषय को लेकर प्रस्तुत किए जाने वाला कार्य स्थगन प्रस्ताव अध्यक्ष की अनुमति से पेश किया जा सकता है।
  • लोकसभा अध्यक्ष को विचारधिन विधेयक पर बहस रुकवाने का अधिकार प्राप्त है।
  • संसद सदस्यों को भाषण देने की अनुमति देना और भाषणों का कर्म व समय निर्धारित करना।
  • विभिन्न विधेयक वह प्रस्ताव पर मतदान करवाना एवं परिणाम घोषित करना तथा मतों की समानता की स्थिति में निर्णायक मत देने का भी अधिकार है।
  • संसद और राष्ट्रपति के बाद होने वाला पत्र व्यवहार करना तथा कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं इसका निर्णय करना भी लोकसभा अध्यक्ष का कार्य है।

लोकसभा के अध्यक्षों की सूची
क्रम संख्या लोकसभा के अध्यक्ष कार्यकाल
 1.  गणेश वासुदेव मावलंकर  1952 से 1956 ई.
 2.  एम. अनंतशयनम आयंगार  1956 से 1962 ई.
 3. सरदार हुकम सिंह  1962 से 1967 ई.
 4.  नीलम संजीव रेड्डी  1967 से1969 ई.
 5.  डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लों  1969 से 1975 ई.
 6.   बलिराम भगत  1975 से 1977 ई.
 7.  नीलम संजीव रेड्डी  1977 (मार्च से जुलाई तक)
 8.   के.एस. हेगडे  1977 से 1980 ई.
 9.  बलराम जाखड़*  1980 से 1989 ई.
 10.  रवि राय  1989 से 1991 ई.
 11.  शिवराज पाटिल  1991 से 1996 ई.
 12.  पी. ए. संगमा  1996 से 1998 ई.
 13.  जी. एम. सी. बालयोगी  1998 से 2002 ई.
 14.  मनोहर जोशी  2002 से 2004 ई.
 15.  सोमनाथ चटर्जी  2004 से 2009 ई.
 16.  मीरा कुमार (प्रथम महिला स्पीकर)  2009 से 2014 ई.
 17.   सुमित्रा महाजन  2014 से 2019 ई.
 18.  ओम बिरला  2019 से अबतक

*बलराम जाखड़ (कांग्रेस) सबसे लंबे समय (9 वर्ष 10 माह 27 दिन) तक लोकसभा अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे।


लोकसभा के उपाध्यक्ष की सूची
क्रम   संख्या लोकसभा के उपाध्यक्ष कार्यकाल
 1.  एम. अनांतशयनम  1952 से 1956 ई.
 2.  सरदार हुकुम सिंह  1956 से 1962 ई.
 3.  एस. वी. कृष्णमूर्ति राव  1962 से 1968 ई.
 4.  आर. के. खानडीलकर  1968 से 1969 ई.
 5.  जी. जी. स्वेल   1970 से 1977 ई.
 6.  गौड मुरारी  1977 से 1979 ई.
 7.  जी. लक्ष्मणन  1980 से 1984 ई.
 8.  एम. थंबीदुरई  1985 से 1989 ई.
 9.  शिवराज पाटिल  1990 से 1991 ई.
 10.  एम. मल्लिकाकारजुनैया  1991 से 1996 ई.
 11.  सूरजभान  1996 से 1997 ई.
 12.  पी. एम. सईद  1998 से 2004 ई.
 13.  चरणजीत सिंह अटवाल  2004 से 2009 ई.
 14.  करिया मुंडा  2009 से 2004 ई.

*चली आ रही परंपरा के अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को दिया जाता है लेकिन यह परंपरा बीच-बीच में भंग होती रही।
*वर्ष 2004 से वर्तमान समय तक भारत में लोकसभा की उपाध्यक्ष का पद रिक्त हैं।


लोकसभा की कार्य एवं शक्तियां

  • राज्यसभा व राष्ट्रपति के साथ मिलकर लोकसभा कानून निर्माण का कार्य करती है।
  • बजट पारित करना तथा कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का होता है।
  • राज्य के साथ मिलकर संविधान में संशोधन करना लोकसभा का कार्य है।
  • मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदाई होता है।
  • लोकसभा के सदस्यों के माध्यम से मंत्रियों पर नियंत्रण स्थापित कर उसे उनके दायित्वों के प्रति सतर्क बनाएं रखने का कार्य लोकसभा का है।
  • लोकसभा, राज्य विधानसभा के साथ मिलकर राष्ट्रपति के निर्वाचन एवं राज्यसभा के साथ मिलकर उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेने की शक्तियां प्राप्त है।
  • लोकसभा, राज्यसभा के साथ मिलकर राष्ट्रपति तथा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव पारित करने की शक्तियां भी प्राप्त है।
  • उपराष्ट्रपति की पद मुक्ति के प्रस्ताव (राज्यसभा द्वारा पारित) की जांच करती है।
  • लोकसभा में विपक्ष के नेता को कैबिनेट स्तर का सम्मान प्राप्त होता है।


लोकसभा से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


Q.लोकसभा के सदस्यों की संख्या कितनी है?
वर्तमान समय में लोकसभा में सदस्यों की संख्या 543 + 2 (एंग्लो इंडियन) है। लोकसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 550 से अधिक नहीं हो सकती है। 550 सदस्यों में से 530 सदस्य राज्यों से तथा 20 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से चुने जाते हैं।

Q.लोकसभा के सदस्य का कार्यकाल कितना होता है?
लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है लेकिन राष्ट्रपति, कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग भी कर सकता है।

Q.लोकसभा में कितने सदस्य मनोनीत होते हैं?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 331 के अंतर्गत राष्ट्रपति के द्वारा दो आंग्ल भारतीय समुदाय (एंग्लो इंडियन) के की नीतियों का मनोनय किया जाता है।

Q.लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?
लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर थे जिनका कार्यकाल 15 मई 1952 ई. से 27 फरवरी 1956 ई. तक था।

Q.लोकसभा का नेतृत्व कौन करता है?
लोकसभा का नेतृत्व पहली बैठक में अपने सदस्यों में से चुने गए दो सदस्यों (अध्यक्ष व उपाध्यक्ष) में से अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।