प्रिय पाठकों! माय नियर एग्जाम में आपका स्वागत है आज हम इस लेख के माध्यम से नगर पालिका के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे इसके अंतर्गत हम, नगरपालिका क्या है? नगरपालिका के संविधान में स्थिति क्या है? नगर पालिका के गठन, प्रकार, कार्यकाल एवं नगरपालिका के कार्य एवं शक्तियां के बारे में जानेंगे।


नगरपालिका (Municipality) क्या है?

नगरपालिका क्या है, नगर पालिका की शक्तियां एवं कार्य, work and power of municipality in Hindi

नगरपालिका एक निश्चित परिभाषित क्षेत्र वाला प्रशासनिक इकाई होती है। आमतौर पर नगरपालिका शहर एवं कस्बे में काम करता है। 

भारत में नगर पालिका को आमतौर पर एक शहर के रूप में माना जाता है। नगरपालिका न तो एक ग्राम और न ही इसे एक बड़े शहर कहा जा सकता है। नगरपालिका का निर्माण प्राय: 20 हजार या उससे अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में होता है लेकिन यह जनसंख्या जब 5 लाख हो जाता है तब वह नगर निगम बन जाता है।

नगरपालिका का संविधान में स्थिति

भारतीय संविधान के 74वां संविधान संशोधन नगरपालिका से संबंधित है। इसके द्वारा संविधान के भाग 9 (क) , अनुच्छेद 243 (त से य, छ तक) एवं 12वीं अनुसूची का प्रावधान किया गया है। 

नगरपालिकाओं को 12वीं अनुसूची में वर्णित कुल 18 विषयों पर विधि बनाने की शक्ति प्रदान की गई है। जिसमें नगर पालिका नगर निगम और नगर परिषद से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं।

नगरपालिका (Municipality) के प्रकार

नगरपालिका के कार्य संचालन के लिए इससे तीन भागों में विभाजित किया गया है जो निम्नलिखित है:-
  1. नगर पंचायत :- ऐसा ग्रामीण क्षेत्र जो नगर क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा हो। उसके लिए कार्य करता है।
  2. नगर परिषद :- छोटे नगर क्षेत्र के लिए कार्य करता है।
  3. नगर निगम :- बड़े नगर क्षेत्र के लिए कार्य करता है।

नगरपालिका का गठन

प्रथम नगरपालिका का गठन 1687 में मद्रास में हुआ था। प्रत्येक नगरपालिका को प्रांतीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जिन्हें 'वार्ड' कहते हैं।

नगरपालिका के सदस्य इन 'वार्डों' से जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

राज्य विधानमंडल के विधि के अनुसार राज्य की लोक सभा तथा विधान सभा के सदस्य जो नगर पालिका क्षेत्र में मतदाता हैं।

राज्य की राज्य सभा तथा विधान परिषद के सदस्य नगरपालिका के मतदाता हैं।

नगरपालिका प्रशासन का विशेष ज्ञान रखने वाले व्यक्ति तथा कुछ समितियों के अध्यक्ष को नगर पालिका में प्रतिनिधित्व सदस्यता प्रदान की जाती है।

नोट :- नगर निगम की स्थापना सर्वप्रथम मद्रास में 29 सितंबर 1688 ई. में की गई थी। 1687 में Board of Directors ने मद्रास में नगर निगम बनाने की अनुमति दी।

नगरपालिका का कार्यकाल

नगरपालिका अपने पहले अधिवेशन की तारीख से 5 वर्ष तक अपने अस्तित्व में बना रहता है।किंतु, समय से पूर्व भी इस का विघटन किया जा सकता है। यदि इस का विघटन हो जाता है तो विघटन की तारीख से 6 माह के अंदर उसका पुनर्गठन हो जाना चाहिए। पुनर्गठित नगरपालिका, विघटित नगरपालिका के शेष कार्यकल तक कार्य करेगी।

नगरपालिका के सदस्यों की योग्यताएं

नगरपालिका के सदस्य होने के लिए निम्नलिखित अनिवार्य योग्यताएं होनी चाहिए
  • वह भारत का नागरिक हो।
  • वह किस वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  • वह पागल, दिवालिया न हो।
  • वह सरकारी लाभ के पद पर आसीन न हो।

नगरपालिका के कार्य एवं शक्तियां

  • नगरपालिका को भारतीय संविधान के अनुसूची 12 में वर्णित 18 विषयों पर कार्य करने का शक्ति प्राप्त है।
  • विविध कार्यों को विविध समितियों के माध्यम से नगरपालिका अपना कार्य संचालित करती है।
  • नगरपालिका आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए योजनाएं बनाने का कार्य तथा उन्हें क्रियान्वित करने की भी कार्य करती है।
  • नगरपालिका समाज के पिछड़े वर्ग के विकास के लिए कार्य करती है विकलांगता मानसिक रूप से विचित्र लोगों के हितों की भी रक्षा करती है।
  • नगरीय सुख-सुविधाओं सड़क, प्रकाश, पेयजल, सीवरेज एवं जनगणना इत्यादि की भी व्यवस्था करना भी नगरपालिका का कार्य है।

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