प्रिय पाठकों! माय नियर एग्जाम डॉट इन में आपका स्वागत है आज हम इस लेख के माध्यम से भारतीय संविधान की विशेषताएं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। भारतीय संविधान का एक बहुत बड़ा विशेषता यह है कि वह एक व्यापक, सुसंगत और आधुनिक संविधान है, जिसमें नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकारी संस्थाओं के अनुशासन और राष्ट्रीय संरचना के विभिन्न पहलुओं को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया है। भारतीय संविधान एक विशेष संस्कृति, ऐतिहासिक परंपरा, और समृद्ध विचारधारा के आधार पर विकसित किया गया है। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं: -

भारतीय संविधान की विशेषताएं, एडवांटेज ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन

1. सर्वोच्चता के सिद्धांत (Supremacy of the Constitution):  भारतीय संविधान को सर्वोच्च मान्यता दी गई है और सभी संसदीय, प्राधिकरणों और नागरिकों को इसके प्रति सम्मान करना अनिवार्य है।

2. संविधानिक लोकतंत्र (Constitutional Democracy): भारतीय संविधान एक संविधानिक लोकतंत्र का निर्माण करता है, जिसमें नियमकांविद शासन के तहत सरकार की संरचना और कार्यकाल निर्धारित होते हैं।

3. संसदीय प्रणाली (Parliamentary System): भारतीय संविधान एक संसदीय लोकतंत्र को स्थापित करता है, जिसमें संसद (पार्लियामेंट) में प्रतिनिधियों का चयन नागरिकों द्वारा विधायिका चुनाव के माध्यम से होता है।

4. धर्मनिरपेक्षता (Secularism): भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष भारत के सिद्धांत को समर्थन करता है और सरकार धार्मिक मुद्दों में नास्तिक होती है। सरकार किसी धर्म को अनुकरण नहीं करती है और सभी धर्मों के लोगों को समानता के साथ देखती है।

6. संघटन और शक्ति विभाजन (Federalism): संविधान ने भारत को संघटनतंत्रिक रूप से आयोजित किया है, जिसमें राज्य सरकारें और केंद्र सरकार के बीच शक्ति को विभाजित किया गया है।

7. संविधानिक न्यायपालिका (Constitutional Judiciary): भारतीय संविधान ने एक स्वतंत्र और संविधानिक न्यायपालिका का स्थापना किया है, जिसका काम है संविधान की रक्षा करना, संघटन से संबंधित मामलों का निर्णय करना और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना।

8. भाषा का प्रयोग (Use of Language): भारतीय संविधान ने राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी का चयन किया है, जो संविधान में विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय भाषाओं के साथ संवर्धित है। यह सभी राज्यों के लिए उपयुक्त होती है।

9. मौलिक अधिकारों का संरक्षण (Protection of Fundamental Rights): भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का समर्थन किया गया है जो सरकार के द्वारा उनका उल्लंघन रोकते हैं। इनमें समानता, स्वतंत्रता, धर्म, भाषा और संबंधों के अधिकार शामिल हैं।


कुछ अन्य विशेषताएं

• मौलिक अधिकारों का संरक्षण: संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है, जिसमें स्वतंत्रता, जीवन, धर्म, समानता और स्वच्छता के अधिकार शामिल हैं। यह नागरिकों को स्वतंत्रता, न्याय और समानता का आनंद उठाने में मदद करता है।

• संघटन और नियंत्रण: संविधान भारत की संघटन और शक्ति विभाजन को निर्धारित करता है। इसके अनुसार, भारत एक संसदीय लोकतंत्र है, जिसमें शक्ति को विभिन्न संस्थानों में विभाजित किया गया है। यह सरकार को संभालने और नियंत्रित करने के लिए प्रभावी माध्यम प्रदान करता है।

• धार्मिक स्वतंत्रता: संविधान धर्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए भी खास उपायोगी है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, और संविधान इसे समर्थन करता है और भारत के नागरिकों को धार्मिक अनुष्ठान में स्वतंत्रता देता है।

• समानता के लिए संविधानी संरचना: संविधान भारतीय समाज में समानता को समर्थन करता है और विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों और लिंगों के बीच विभेद को कम करने के लिए सामाजिक और आर्थिक उपायोगी है।

• सामाजिक परिवर्तन का समर्थन: संविधान भारत के सामाजिक परिवर्तन को समर्थन करता है और विभिन्न समस्याओं का सामाधान करने के लिए उच्चतम विचारकों और संबंधित निर्णायक संस्थाओं को अधिकार प्रदान करता है।

• संविधानिक स्थायित्व: संविधान भारतीय संरचना और नैतिक मूल्यों को स्थायी बनाकर देश को संविधानिक रूप से सुरक्षित रखता है। संविधान धार्मिकता, शक्ति का विभाजन, न्यायपालिका की आज़ादी और लोकतंत्र के सिद्धांतों के साथ सुझाव देता हैं।

• विभाजित शक्ति संरचना: भारतीय संविधान ने एक विभाजित शक्ति संरचना स्थापित की है, जिसमें शक्ति को संविधान के तीन मुख्य शाखाओं में विभाजित किया गया है: विधायिका (संसद), कार्यपालिका (सरकार) और न्यायपालिका (न्यायिका)। यह संरचना सरकार को अधिकारी प्रणाली और नियंत्रण में रखती है।

• भाषा: भारतीय संविधान में हिंदी और अंग्रेजी भारत की राजभाषाओं के रूप में अनुमोदित की गई है। संविधान की प्रेरणा भारतीय भाषाओं के संरक्षण और प्रशासन में सशक्तीकरण को प्रोत्साहित करती है।

• मौलिक अधिकार: संविधान में मौलिक अधिकारों का विस्तार किया गया है, जिसमें जीवन, स्वतंत्रता, समानता, धर्म, भाषा, और संस्कृति के अधिकार शामिल हैं।

• धार्मिक स्वतंत्रता: भारतीय संविधान धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन करता है और हर धर्म के प्रति समान आदर्शों के लिए समर्थन करता है। भारत धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में उभरा है और संविधान इस सिद्धांत को संरक्षित रखता है।

• संविधानिक संसद: संविधान में एक संविधानिक संसद के स्थापना का प्रावधान है, जिसमें लोक सभा (सदन) और राज्य सभा (सदन) है।


निष्कर्ष :−

भारतीय संविधान एक व्यापक और आधुनिक संविधान है जो भारतीय राजनीति और समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके द्वारा संविधान ने विभिन्न मुद्दों को समाधान करने, राष्ट्रीय संरचना को समर्थन करने, सामाजिक अन्याय को कम करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक माध्यम प्रदान किया है।

भारतीय संविधान की विशेषताएं धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक समानता, संसदीय प्रणाली, संघटन और शक्ति विभाजन, संविधानिक न्यायपालिका, धर्मनिरपेक्षता, भाषा का प्रयोग और मौलिक अधिकारों का संरक्षण शामिल हैं। इन सभी विशेषताओं के साथ, भारतीय संविधान ने देश को समृद्धि, अध्यात्मिकता, और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर किया है। यह भारतीय लोगों को एकता और सहयोग के लिए प्रोत्साहित करता है और विश्व में एक आदर्श लोकतंत्र के रूप में पहचाना जाता है।