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बिहार की जलवायु GK PDF in Hindi

दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से बिहार की जलवायु के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करेंंगे। बिहार की जलवायु - climate of Bihar in Hindi, बिहार की जलवायु की विशेषता एवं बिहार की जलवायु परिवर्तन से नुकसान संबंधित प्रश्न परीक्षा में पूछ लिए जाते हैं। साथ ही साथ बिहार की जलवायु का PDF भी Download कर सकते हैं।

जलवायु (Climate) की परिभाषा :- किसी भी विशेष स्थान की मौसम से संबंधित समस्त दशा का दीर्घकालीन औसत को जलवायु कहते हैं । किसी क्षेत्र की जलवायु कैसी है, यह उस क्षेत्र  की ऊंचाई, धरातलीय संरचना, भौगोलिक स्थिति, सौर विकिरण, वर्षा की मात्रा, समुंद्र तट से दूरी तथा अक्षांशीय विस्तार पर निर्भर करता है। 


बिहार की जलवायु - Climate of Bihar in Hindi

बिहार कर्क रेखा के उत्तर में स्थित है। इसके पश्चिमी में भाग में आर्द्र तथा पूर्वी भाग में आर्द्र शुष्क जलवायु पाई जाती है।

बिहार की जलवायु मानसूनी है। यहां की जलवायु में महादीपीय जलवायु के लक्षण पाए जाते हैं, किंतु वर्षा के समय में पर्याप्त नमी होने के कारण इसे संशोधित महाद्वीपीय जलवायु का क्षेत्र भी कहा जा सकता है ।


बिहार की जलवायु परिवर्तन का वर्गीकरण

बिहार की जलवायु परिवर्तन को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -  

  • ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मध्य जून तक)
  • वर्षा ऋतु (मध्य जून से मध्य अक्टूबर)
  • शीत ऋतु (मध्य अक्टूबर से फरवरी)


ग्रीष्म ऋतु 

  • बिहार में ग्रीष्म ऋतु मुख्य रूप से मार्च से मध्य जून तक रहता है। मार्च के महीने में सूर्य की स्थिति उत्तरायण होने से तापमान में वृद्धि होने लगता है तथा वायुदाब कम होने लगता है। मई में भीषण गर्मी पड़ने लगती हैं, किंतु जून माह में तापमान तथा आद्रता अधिक होने के कारण उमस भरी गर्मी पड़ती है।
  • ग्रीष्म ऋतु में गर्म तथा शुष्क हवाएं अथवा लू चलने से राज्य के पश्चिमी तथा मैदानी भागो का तापमान अधिक बढ़ जाता है।
  • यहां दोपहर के बाद धूल भरी आंधियां चलती है, जिसकी गति लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
  • बिहार का सबसे गर्म स्थान गया है, जिसका तापमान 47°C तक रहता है।


वर्षा ऋतु

  • बिहार में वर्षा ऋतु का आगमन दक्षिणी पश्चिमी मानसून द्वारा होता है। बिहार में वर्षा पूर्वी क्षेत्रों में 8 जून एवं पश्चिमी क्षेत्रों में 15 जून तक से आरंभ हो जाती है।
  • बिहार में दक्षिणी पश्चिमी मानसून का प्रभाव अक्टूबर तक रहता है, इसीलिए राज्य में मध्य जून से अक्टूबर तक का काल वर्षा ऋतु या मानसून का काल कहा जाता है।
  • जुलाई के महीने में बिहार के मैदानी भागों का औसत तापमान लगभग 34°C तक रहता है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली तूफान से निम्न दाब के कारण मैदानी क्षेत्रों का औसत तापमान 30°C तक रहता है।
  • बिहार में सबसे अधिक वर्षा (205 सेमी) किशनगंज जिले में तथा सबसे कम (101 सेमी) वर्षा औरंगाबाद जिले में होती है।


शीत ऋतु

  • बिहार में शीत ऋतु का आरंभ अक्टूबर से होकर फरवरी तक रहता है।  मध्य अक्टूबर में मानसून के लौटने के बाद भी वायु में आद्रता अधिक रहती है। बिहार में सबसे अधिक ठंड मध्य दिसंबर से जनवरी तक होती है।
  • शीत ऋतु में बंगाल की खाड़ी से तूफानी मौसमी दशाएं विकसित होने के कारण तीन या चार बार पर्याप्त वर्षा होती है। जिसके फलस्वरूप आकाश में बादल छाए रहते हैं एवं वर्षा के कारण दिन का तापमान कम हो जाता है। जिससे ठंड अधिक बढ़ जाती है।
  • बिहार में शीत ऋतु में जनवरी माह में मैदानी क्षेत्र का तापमान 7.5°C से 10°C के मध्य रहता है।
  • बिहार में शीत ऋतु में औसत तापमान 16°C रहता है जबकि जनवरी माह में न्यूनतम 4°क से 10°C सेल्सियस तक रहता है।
  • बिहार में उत्तर के पर्वतीय तराई तथा दक्षिण के पठारी क्षेत्रों में पाला (Frost) पड़ता है, जिसके कारण फसलों को अधिक हानि पहुंचती है।


बिहार की जलवायु विशेषता

बिहार की जलवायु की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं -

  • बिहार में मानसून का आगमन मध्य जून से होता है। दिसंबर और जनवरी में झंझावात वर्षा होती है। बिहार में औसत वार्षिक वर्षा 35 सेमी होती है। सर्वाधिक वर्षा 160 से 200 सेमी तक होती है।
  • बिहार की जलवायु जलवायु मानसूनी है, जिसे संशोधित उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु भी कहा जाता है।
  • बिहार की जलवाय आर्द्र तथा आर्द्र शुष्क है  जलवायु है पूर्वी बिहार की जलवायु आर्द्र एवं पश्चिमी बिहार की जलवायु आर्द्र शुष्क  है।
  • बिहार में जून के महीने में चक्रवाती तूफान या नॉर्वेस्टर के कारण अधिक वर्षा होती है, जिसे 'काल बैसाखी' के नाम से जाना जाता है।

बिहार में जलवायु परिवर्तन से नुकसान एवं उसका समाधान

  • जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार देश के प्रभावित राज्यों में से एक है। बिहार में बाढ़ एवं सूखे के साथ मानसून में बदलाव से लाखों लोगों विशेषकर किसानों की जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
  • बिहार के किसान जलवायु परिवर्तन के साथ साथ अनियमित वर्षा बिजली की कटौती पानी की कमी से सिंचाई की समस्याएं और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
  • CEED India YouTube channel के इस वीडियो के जरिए बिहार की जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान और उसका समाधान को समझने में मदद करेगा।

बिहार की जलवायु PDF Download 

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