‌प्रिय पाठकों! ‍ माय नियर एग्जाम में आपका स्वागत है। भारतीय संविधान का एक प्रमुख चैप्टर विधानसभा के कार्य, शक्तियां व उसके अध्यक्ष के बारे में इस लेख में चर्चा करने वाला हूं जिसके अंतर्गत विधानसभा का गठन | विधानसभा के सदस्यों की कार्यकाल | विधानसभा सदस्यों की योग्यता | विधानसभा के अध्यक्ष एवं उनका कार्य | विधानसभा के कार्य एवं शक्तियां तथा भारत के विभिन्न राज्यों में विधानसभा सदस्यों की संख्या का का वर्णन इस लेख में है जो इस प्रकार है-


विधान सभा या वैधानिक सभा :-एक सदनीय/द्विसदनीय राज्यों में विधानसभा को निचला सदन (सोल हाउस) कहा जाता है। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली व पांडुचेरी में भी विधानसभा को इन्हीं नामों से जाना जाता है।


भारत में अधिकांश राज्य विधायिका या विधानमंडल एक सदनीय है। जिसमें राज्य विधानसभा और राज्यपाल शामिल होता है। फिलहाल केवल 6 राज्यों में द्विसदनीय विधायिका हैं, जहां विधानसभा के अतिरिक्त विधान परिषद भी होती है यह राज्य हैं; आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश। इसके अलावा भारतीय संसद ने उड़ीसा एवं असम को भी विधान परिषद बनाने की अनुमति दे दी है।

नोट :- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के माध्यम से विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया है।


विधानसभा का गठन

विधानसभा के कार्य एवं शक्तियां, vidhansabha karyon shaktiyan pic image

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 170 के अनुसार विधानसभा में कम से कम 60 सदस्य और अधिक से अधिक 500 सदस्य होते हैं अपवाद - गोवा (40), मिजोरम (40), सिक्किम (32) इन राज्यों को अनुच्छेद 371 के तहत विशेष राज्य की दर्जा देकर यह व्यवस्था किया गया है।

राज्य विधानसभा के लिए राज्यपाल द्वारा आंग्ल भारतीय समुदाय से एक सदस्य मनोनीत किया जाता है एवं विधानसभा के सत्रावसान आदेश भी राज्यपाल द्वारा दिया जाता है। 

संविधान के अनुच्छेद 332 के तहत विधानसभा में जनसंख्या के आधार पर भारतीय अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण किया जाता है।

विधानसभा सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा व्यस्क मताधिकार के आधार पर गुप्त मतदान पद्धति के अनुसार होता है।

राज्य विधानसभा में सदन चलाने के लिए कुल सदस्यों का दशमांश (1/10) सदस्यों की उपस्थिति गणपूर्ति हेतु आवश्यक है।


विधानसभा के सदस्यों की कार्यकाल एवं योग्यता

कार्यकाल :- विधान सभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है किंतु विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल को यह अधिकार है कि वह इससे पूर्व भी उसको विघटित कर सकता है।

योग्यता :- विधानसभा के सदस्यों के लिए अनिवार्य योग्यताएं निम्नलिखित हैं -

  • भारत का नागरिक हो।
  • उसकी न्यूनतम आयु सीमा 25 वर्ष हो।
  • उसका नाम राज्य विधानसभा की मतदाता सूची में शामिल हो।
  • वह किसी लाभ के पद पर न हो।
  • पागल या दिवालिया न हो।

विधानसभा के अध्यक्ष एवं उनका कार्य

विधानसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को विधानसभा के सदस्यों के बीच से ही चुना जाता है इनकी कार्य अवधि विधान सभा के सदस्यों के कार्यकाल के समान होती है।

विधानसभा के अध्यक्ष सदन में मतदान नहीं करता किंतु यदि सदन में मत बराबरी में बंट जाए तो वह निर्णायक मत देने का कार्य करता है।

विधानसभा के अध्यक्ष को जब कभी उसके पद से हटाने का प्रस्ताव विचाराधीन हो तो उस समय वह सदन की बैठकों की अध्यक्षता नहीं करता है।

किसी विधेयक को धन विधेयक माना जाए अथवा नहीं इसका निर्णय करने की शक्ति विधानसभा अध्यक्ष का ही है।


विधानसभा के कार्य एवं शक्तियां

विधानसभा को विविध कार्य एवं शक्तियां प्राप्त है जो निम्नलिखित है-

  1. विधायी शक्तियां
  2. वित्तीय विषयों पर शक्तियां
  3. कार्यपालिका नियंत्रण शक्तियां
  4. निर्वाचन संबंधी शक्तियां

1. विधायी शक्तियां 

विधानसभा को संविधान द्वारा विधित राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है। वह विधान परिषद के साथ मिलकर संविधान में संशोधन भी कर सकती है। राज्य सूची के विषय पर जहां द्विसदनीय व्यवस्था हो वहां विधानसभा + विधानपरिषद + राज्य की सम्मिलित अनुमति अनिवार्य है।

समवर्ती सूची के विषयों पर संसद की तरह राज्य विधान मंडल भी विधि निर्माण कर सकता है किंतु यदि दोनों द्वारा समर्पित विधियों में परस्पर विरोध की सीमा तक संसदीय विधि निर्माण किया जा सकता है।


2. वित्तीय विषयों पर शक्तियां

राज्य विधानसभा को राज्य बजट पारित करने का शक्ति प्राप्त है। वारा सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत कर उसके बजट अनुमानों को बदलने व कम करने के लिए आदेश दे सकती है।

कोई धन विधेयक प्रारंभ में विधानपरिषद में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता जब विधानसभा किसी धन विधेयक को पारित कर देती है तब वह विधानपरिषद के पास भेज जाता है, विधानपरिषद को 14 दिनों के भीतर विधानसभा को लौट आना पड़ता है। विधानपरिषद उस विधेयक के संबंध में संतुतिया तो दे सकती है, किंतु वह न तो अस्वीकार कर सकती है और न उसमें संशोधन ही कर सकती है।

3. कार्यपालिका नियंत्रण शक्तियां 

विधानसभा राज्य सरकार पर विभिन्न माध्यमों से नियंत्रण रखती है। वह 'काम रोको प्रस्ताव' , 'ध्यानकर्षण प्रस्ताव' वाद विवाद, प्रश्नकाल और अंतिम शास्त्र के रूप में अविश्वास प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को सत्ता से हटा सकती है।

मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से विधानसभा के प्रति उत्तरदाई होता है जब कभी मंत्रिपरिषद के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है तो पूर्व मंत्री परिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है।

4. निर्वाचन संबंधी शक्तियां 

राष्ट्रपति के निर्वाचन में जितना मताधिकार संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को प्राप्त है उतना ही राज्य में विधानसभा के निर्वाचन सदस्यों को प्राप्त है।


सभी राज्यों में विधानसभा सदस्यों की संख्या सूची


क्रम संख्या राज्य विधानसभा
सदस्य की  संख्या
 1. अरुणाचल प्रदेश  60
 2.  असम  126
 3.  आंध्र प्रदेश  175
 4.  उड़ीसा  147
 5.  उत्तर प्रदेश  403
 6.  उत्तराखंड  70
 7.  कर्नाटक  182
 8.  केरल  224
 9.  गुजरात  185
 10  गोवा  40


क्रम संख्या राज्य विधानसभा सदस्यों की संख्या
 11.  छत्तीसगढ़  90
 12. जम्मू   कश्मीर  87
 13.  झारखंड  81
 14.  तमिलनाडु  234
 15.  नागालैंड  60
 16.  पंजाब  117
 17. पश्चिम   बंगाल  294
 18.  बिहार  243
 19  मणिपुर  60
 20  मध्य प्रदेश 230


क्रम संख्या राज्य विधानसभा सदस्यों की संख्या
 21.  महाराष्ट्र  288
 22.  मिजोरम  40
 23.  मेघालय  60
 24.  राजस्थान  200
 25.  सिक्किम  32
 26.  हरियाणा  90
 27. हिमाचल   प्रदेश  68
 28.  त्रिपुरा  60
 29.  तेलंगाना  119



क्रम संख्या संघीय राज्य क्षेत्र विधानसभा सदस्यों की संख्या
 1.  दिल्ली  70
 2.  पुदुचेरी  30


निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों मेरे द्वारा उपलब्ध कराया गया विधानसभा संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे विधान सभा किसे कहते हैं | विधानसभा का गठन | विधानसभा के सदस्य के कार्यकाल एवं योग्यता | विधानसभा के कार्य एवं शक्तियां एवं भारत के सभी राज्यों में विधानसभा सदस्यों की संख्या की सूची आपको पसंद आया होगा। अगर आप भारतीय संविधान से संबंधित कोई टॉपिक पर जानकारी चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम उस पर आर्टिकल लिखने का प्रयास करेंगे धन्यवाद..

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