प्रिय पाठकों! माय नियर एग्जाम में आपका स्वागत है पिछले लेख में माय नियर एग्जाम द्वारा बिहार के प्रमुख मेले एवं महोस्तव आयोजन के बारे में जानकारी उपलब्ध कराया गया था आज इस लेख में बिहार के प्रमुख त्योहारों की की जानकारी देने वाले हैं। बिहार के कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण त्यौहारो का विवेचना इस प्रकार किया जा रहा है-
बिहार के प्रमुख त्यौहार - Major Festivals of Bihar
बिहार के अलावा अन्य प्रदेश की त्यौहार वेशभूषा तथा भाषा में बहुत बड़ा अंतर दिखाई देता है। इतनी बड़ी विभिनता होते हुए भी एक दूसरे से जोड़ें रखने में हमारे त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पर्व व त्योहार से हमारे जीवन उल्लास, उत्साह एवं उमंग से भरा होता है। बिहार की त्योहारों की एक अपनी ही भूमिका है। बिहार के त्यौहार संस्कृति एकता एवं आपसी समानता का संस्कृति विरासत के अंग है।
बिहार के प्रमुख त्यौहार (Bihar ke Pramukh tyohar) : होली, छठ पूजा, कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी, बुद्ध जयंती, महावीर जयंती, तीज, जितिया इत्यादि निम्नलिखित इस प्रकार है-
- होली (Holi)
- छठ पूजा (Chhath Puja)
- कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami)
- रामनवमी (Ramnavami)
- बुद्घा जयंत (Buddh jayanti)
- महावीर जयंती (Mahaveer jayanti)
- तीज (Teej)
- जितिया (Jitiya)
होली (Holi)
होली बसंत ऋतु में बिहार में मनाया जाने वाला हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण रंगों का त्यौहार है। जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात अगले दिन यानी चैत्र माह की प्रथम तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग आपसी भेदभाव को भूलकर एक दूसरे को गले मिलते हैं।
इस त्यौहार पर बहुत सारी कहानियां कही जाती है हिरण कश्यप नाम के राजा ने शिव की कठोर आराधना से वरदान प्राप्त किया कि वह न धरती पर मरे और न आकाश में, न दिन में मरे और न रात में, नाल घर के अंदर और न घर के बाहर, ना मनुष्य से ना जानवर से, इसी तरह होली की बहुत सारी कहानियां है।
छठ पूजा (Chhath Puja)
बिहार की छठ पूजा हिंदुओं का सबसे पवित्र एवं प्रमुख त्यौहार है जो हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार 4 दिन तक चलता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से बिहार झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।
छठ पर्व को पति की दीर्घायु और संतान सुख की कामना के लिए मनाया जाता है। इस पर्व में व्रत रखने के साथ ही डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दी जाती हैं और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।
बिहार के नालंदा जिला में स्थित बड़गांव तथा औरंगाबाद जिले में स्थित देव नामक ग्रामों में छठ पर्व के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता है एवं दरभंगा जिले के मैया ग्राम में छठ पर्व के अवसर पर मिथिला ग्राम महोत्सव का आयोजन जिला प्रशासन दरभंगा के माध्यम से कराया जाता है।
रामनवमी (Ramnavami)
बिहार में रामनवमी हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार में से एक है जो हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था इसीलिए इस दिन को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जिन्होंने अपने जीवन काल में विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आदर्शों को नहीं त्यागा और मर्यादा रहते हुए अपना जीवन व्यतीत किए।
बुद्ध जयंती (Buddha jayanti)
बिहार में बुध जयंती बौद्ध धर्म का सर्व प्रमुख त्यौहार है जिसे बुद्धपूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार या त्योहार वैशाख पूर्णिमा के रूप से भी जाना जाता है एक रोचक बात यह है कि भगवान बुध का जन्म ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों इसी दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे।
महावीर जयंती (Mahaveer jayanti)
बिहार में महावीर जयंती जैन धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। जो भगवान महावीर के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान महावीर की शोभायात्रा निकाली जाती है। महावीर जयंती केवल एक पर्व ही नहीं बल्कि सत्य सादगी अहिंसा और पवित्रता का प्रतीक भी है।
इस पर्व से यह प्रेरणा ली जाती है कि जीवन में झूठ लोग लालच और दिखावे से दूर रहना चाहिए तथा सच्चा और परोपकारी जीवन यापन करना चाहिए।
कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami)
कृष्ण जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जो हिंदू पंचांग के भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात के 12 बजे उनके मामा कंस के कारागार में हुआ था।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखते हैं और अधी रात 12 बजे के बाद कृष्ण आरती करते हैं और अपना व्रत तोड़ते हैं। यह त्यौहार भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में आस्था एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है।
तीज (Teej)
बिहार में तीज हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जिसमें महिलाएं वैवाहिक संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए तथा परिवार के समग्र कल्याण के लिए निर्जला व्रत करती है।
यह व्रत सर्वप्रथम माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। महिलाएं अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने के लिए तथा जो अविवाहित युवतियां हैं वह अपनी इच्छा अनुसार वर पाने के लिए हड़ताल का तीज का व्रत रखती है।
1 Comments
Hi
ReplyDeletePost a Comment
अपना टिप्पणी (Comments) टाइप करें